हम तो बस बतियाते हैं...
घुम फिर के आ जाते हैं...
बॉर्डर के दर्द
बॉर्डर पs रहले वाला
कहाँ कह पाते हैं...
सूनी गोदी
सूनी मांग
सूना बुढ़ापा
ई सब चिचियात बाड़े
चिल्लात बाड़े...
हम तो बस बतियाते हैं...
बॉर्डर के दर्द
अब त बॉर्डर भी
काहे से बता पाते हैं...
— npidrish
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