राम तो सबके है,
क्या तेरा क्या मेरा,
जो काटे मन वनवास का,
रख विश्वास,,,
इक दिन राम होगा स्वय तेरा ।
राम हर मन मे है,
क्या तेरा क्या मेरा,
जो मन होगा निश्चल,
रख विश्वास,
टूटे मन मे भी रहेगा राम बसेरा,
राम तो हर कण मे है,
क्या तेरा क्या मेरा,
जो कण ढूढे माटी को, होकर निश्चल तेरा,
रख विश्वास,
मैले कुचले कण मे भी होगा ! राम सवेरा,
राम तो हर रंग मे है,
क्या तेरा क्या मेरा,
क्या लाल गुलाबी हरा और नीला,
जो रंग रंगे सुधि वाणी,
वही राम बसेरा,
राम तो हर पल मे है,
क्या तेरा क्या मेरा,
जो क्षण बीते साथ प्रेम के,
राम डाले वही डेरा,
राम तो हर विचर मे है,
क्या तेरा क्या मेरा,
हर प्राणी का राम है,
चाहे जीव निर्जिव,
स्वामित्व नही किसी का राम पे,
राम तो सबका मीत।
राम न कोई नाम है,
राम न कोई गीत,
राम न कोई वाणी,
राम न कोई रीत,
राम नाम पर पथर भी न डुबा,
तु क्यों बांटे राम नाम की प्रीत
राम तो सबका मीत,
राम तो सबके है,
क्या तेरा क्या मेरा,
- npidrish
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