कुछ दिन पहले मैं कहीं एक जगह जुंबा जुंबा डांस करवा रही थी जो की मेंटल हेल्थ और शरीर दोनो के लिए सही होता है, इस दौरान मिक्स गाने चल रहे थे उसी में हरे राम हरे कृष्णा भी बजने लगा, जहां मैं ये डांस करवा रही थी वो एक क्रिस्टन कम्युनिटी है, मैं किसी कम्युनिटी पर सवाल नही उठा रही बस जो हुआ वही बता रही हूं, उन्होंने अगले दिन जुंबा जुंबा डांस बंद करवा दिया और कहा सबको ओनली एक्सरसाइज करवाऊ, मुझे ये चीज नही पता थी इसलिए मैने नही पूछा 2 दिन सिंपल एक्सरसाइज करवाया बट किसी भी पेसेंट का रिस्पॉन्स अच्छा नही था, मैने इंचार्ज से बात की के ऐसे करवाने का कोई फायदा नही आप मुझे मेरे हिसाब से करवाने दो तभी मैं करवा पाऊंगी क्युकी जो इन लोगो के हिसाब से सही है मैं वही करूंगी, उन्होंने एकदम से बोला वो आपका जो सॉन्ग आप बजाते हो वो हमे पसंद नही, मैने कहा के सॉन्ग अच्छा नही है तो बदल सकते है लेकिन इसके लिए पेसेट की हेल्थ तो नही खराब कर सकते । मैने सॉन्ग बदल दिया।
इस घटना से मुझे यह अहसास हुआ के लोगो के लिए लोगो का बनाया हुआ मत कितना बड़ा है और इंसानियत काम, और बाकी सभी चीजे छोटी है उसके आगे,
क्या अल्लाह नाम, राम नाम, या इशू नाम इतना बड़ा है के इसके आगे सब कुछ छोटा है???
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