कुछ वक़्त से देख रही हूँ,
लोग महात्मा को गालियां देने लगे है और एक हत्यारे को महान बुलाने लगे है ,
मुझे नही पता क्या सच है क्या झुठ लेकिन इतना जरूर पता है कोई ह्त्या करके महान नही हो सकता,,
और कोई उन्हें कितना भी गालिया दे उनकी महानता कम नही हो सकती,,
चंद लाइन उनके लिए ,
वो महान था महान रहेगा,,
तुम इतिहास को कैसे बदल पाओगे,
एक हत्यारा कभी महान नही होगा,,
क्या ? आने वाली पीढ़ी को यही सिखाओगे,,
इतनी नफरत लाते कहाँ से हो,
क्या अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है इस बात को झुटला पाओगें,,
इतनी ही नफरत करते हो अगर उससे तो क्या नोट से उसे हटा पाओगे,,
चलो छोड़ो ,
बस इतना कर दो जिस नोट पर वो बैठे है मुस्कुराते हुए, उसे इस्तेमाल करना क्या छोड़ पाओगे,,
क्या होती है महात्मा की परिभाषा क्या तुम इसे भी बदल पाओगें,,
सत्य अहिंसा का मार्ग भी क्या इसे भी भूल जाओगे ,
चलो न करो जयजयकार उसकी,
मान लिया वो महान नही,
क्या फिर भी उसका किया कभी भूला पाओगे,
इतनी नफरत लाते कहाँ से हो ,
सच कहूँ तुम आज़ाद होकर भी खुद अपनी सोच से न आज़ाद हो पाओगे,,
मैंने उससे सीखा है बहुत कुछ ,
कैसे भूलू मैं उसका बलिदान,,
चलो मान लिया तुम्हारा कहा भी उसने नही किया कोई बलिदान ,,
फिर भी कैसे भूलू उसने छोड़ दिया देश के लिए ही अपने जीवन का हर सुख आराम,,
मेरे लिए कल भी वो महात्मा था आज भी वही है और कल भी वही रहेगा,
कोई हत्यारा कभी मेरी नजरो में महात्मा नही कहलायेगा,
लोग महात्मा को गालियां देने लगे है और एक हत्यारे को महान बुलाने लगे है ,
मुझे नही पता क्या सच है क्या झुठ लेकिन इतना जरूर पता है कोई ह्त्या करके महान नही हो सकता,,
और कोई उन्हें कितना भी गालिया दे उनकी महानता कम नही हो सकती,,
चंद लाइन उनके लिए ,
वो महान था महान रहेगा,,
तुम इतिहास को कैसे बदल पाओगे,
एक हत्यारा कभी महान नही होगा,,
क्या ? आने वाली पीढ़ी को यही सिखाओगे,,
इतनी नफरत लाते कहाँ से हो,
क्या अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है इस बात को झुटला पाओगें,,
इतनी ही नफरत करते हो अगर उससे तो क्या नोट से उसे हटा पाओगे,,
चलो छोड़ो ,
बस इतना कर दो जिस नोट पर वो बैठे है मुस्कुराते हुए, उसे इस्तेमाल करना क्या छोड़ पाओगे,,
क्या होती है महात्मा की परिभाषा क्या तुम इसे भी बदल पाओगें,,
सत्य अहिंसा का मार्ग भी क्या इसे भी भूल जाओगे ,
चलो न करो जयजयकार उसकी,
मान लिया वो महान नही,
क्या फिर भी उसका किया कभी भूला पाओगे,
इतनी नफरत लाते कहाँ से हो ,
सच कहूँ तुम आज़ाद होकर भी खुद अपनी सोच से न आज़ाद हो पाओगे,,
मैंने उससे सीखा है बहुत कुछ ,
कैसे भूलू मैं उसका बलिदान,,
चलो मान लिया तुम्हारा कहा भी उसने नही किया कोई बलिदान ,,
फिर भी कैसे भूलू उसने छोड़ दिया देश के लिए ही अपने जीवन का हर सुख आराम,,
मेरे लिए कल भी वो महात्मा था आज भी वही है और कल भी वही रहेगा,
कोई हत्यारा कभी मेरी नजरो में महात्मा नही कहलायेगा,
Or unka gaya bhajan mann yuhi gungunayega
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड पराई जाणे रे,
पर दु:खे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे ॥
पर दु:खे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे ॥
सकल लोकमां सहुने वंदे निंदा न करे केनी रे,
वाच काछ मन निश्चल राखे धन धन जननी तेनी रे ॥
वाच काछ मन निश्चल राखे धन धन जननी तेनी रे ॥
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, परस्त्री जेने मात रे,
जिह्वा थकी असत्य न बोले, परधन नव झाले हाथ रे ॥
जिह्वा थकी असत्य न बोले, परधन नव झाले हाथ रे ॥
मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ़ वैराग्य जेना मनमां रे,
रामनाम शुं ताली रे लागी, सकल तीरथ तेना तनमां रे ॥
रामनाम शुं ताली रे लागी, सकल तीरथ तेना तनमां रे ॥
वणलोभी ने कपटरहित छे, काम क्रोध निवार्या रे,
भणे नरसैयॊ तेनु दरसन करतां, कुल एकोतेर तार्या रे ॥
भणे नरसैयॊ तेनु दरसन करतां, कुल एकोतेर तार्या रे ॥
#styahinsa
#npidrish
#mahatmagandhi
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